(PM PRANAM Yojana in Hindi) पीएम प्रणाम योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया

PM PRANAM Yojana in Hindi: भारत के सभी राज्यों को प्रोत्साहित करके रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए, केंद्र सरकार एक नई पीएम प्रणाम योजना शुरू किया गया है। इस योजना के माध्यम से रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान किया जाएगा। यह योजना एक एग्रीकल्चर मैनेजमेंट स्कीम है, जोकि वैकल्पिक पोषक तत्वों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की जा रही है। इस बजट में वैकल्पिक खाद को बढ़ावा देने के साथ ही राज्य सरकारों को प्रोत्साहित किया जायेगा।

आपको बता दें कि 2022-23 में इसका बोझ 2.25 लाख करोड़ रूपये पड़ा था। एक रिपोर्ट के अनुसार इस योजना के लिए कोई भी नया बजट निर्धारित नहीं किया जाएगा। इसके लिए बल्कि एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस लेख में हम आपको PM PRANAM Yojana in Hindi से सबंधित सभी जानकारी प्रदान करने वाला है। तो आप इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़े।

PM PRANAM Yojana in Hindi

केंद्र सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी को कम करने के लिए और इससे किसानों को भी लाभ मिल पाए इसलिए पीएम प्रणाम योजना शुरू करने जा रही है। उर्वरक विभाग द्वारा संपन्न की गई बैठक में इस योजना को शुरू करने की विचारणा चल रही है। इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार अलग से बजट तय नहीं करने वाली क्योंकि हाल में रासायनिक उर्वरकों पर जो सब्सिडी प्रदान की जा रही है उनका उपयोग करके इस योजना का संचालन किया जाएगा।

आंकड़ों के मुताबिक हर साल रासायनिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ता ही चला जा रहा है। वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार द्वारा 1.62 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी रासायनिक उर्वरकों पर दी गई थी। जो साल 2022-23 में सब्सिडी का आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अंदाजा है। जो पिछले वर्ष के मुकाबले 39% ज्यादा है। इसलिए केंद्र सरकार इस बढ़ते आंकड़ों को कम करने और किसानों को फायदा दिलाने हेतु पीएम प्रणाम योजना को शुरू करने जा रही है।

Key Highlights Of PM PRANAM Yojana 2023

योजना का नामPM PRANAM Yojana in Hindi
पूरा नामप्रधानमंत्री प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना
कब हुई शुरू2023
किसके द्वारा हुई घोषणाकेंद्र सरकार द्वारा
उद्देश्यकिसानों की आर्थिक सहायता करना
लाभार्थीदेशभर के किसान भाई
आवेदनऑनलाइन
हेल्पलाइन नंबरजारी नहीं

पीएम प्रणाम योजना का मुख्य उद्देश्य

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम प्रणाम योजना का मुख्य उद्देश्य केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी को कम करना है। यह कारण है कि हर साल किसानों की तरफ से इस सब्सिडी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इस प्रकार, केंद्र सरकार के लिए भी यह समस्या समय के साथ-साथ बढ़ती जा रही है। हालांकि, इसके समाधान के लिए एक जागरूकता अभियान की आवश्यकता को ध्यान में रखा गया है ताकि इस मांग को कम किया जा सके। इसी उद्देश्य के साथ यह योजना शुरू की गई है।

पीएम प्रणाम योजना के लाभ एवं विशेषताएं

० केंद्र सरकार के द्वारा देश के सभी किसानो को पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना का लाभ सीधे प्रदान किया जाएगा।

० इस योजना के माध्यम से बढ़ती होई सब्सिडी के बोझ को हल्का करना है।

० केंद्रीय मंत्री के द्वारा यह सुचना दी गई है की यह वर्ष 2022-23 मे सब्सिडी का बोझ 2.25 लाख करोड़ के पार होने की सम्भावना है। जो पिछले साल के आंकड़े से 39% अधिक होगा।

० देश के किसानो के द्वारा रसायनिक उर्वरकों उपयोग बढ़ता ही जा रहा है इसलिए इन सब को देखते हुए सब्सिडी के बोझ को हल्का करना एवं रासयनिक उपयोग को कम करने क उद्देश्य से प्रधानमंत्री प्रणाम योजना को शुरु किया गया है।

० इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार के द्वारा गांव ब्लॉक, जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीकी अपनानी से सम्बंधित संपत्ति निर्माण के लिए प्रदान की जाएगी।

० उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत करने के लिए वित्तपोषित किया जायेगा।

० केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों, जिन्होंने इस योजना को लेकर विचार किया है उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को 7 सितंबर को आयोजित किया है।

पीएम प्रणाम योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया

अगर आप इस योजना का आवेदन कर लाभ लेना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सरकार द्वारा अभी केवल पीएम प्रमाण योजना को शुरू करने की घोषणा की गई है।सरकार इस योजना के माध्यम से आवेदन करने के लिए जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट लांच करेगी।

जैसे ही सरकार की ओर से आवेदन से संबंधित कोई भी जानकारी साझा की जाती है हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से पीएम प्रणाम योजना की आवेदन की जानकारी जरूर बताएंगे। तो आपसे निवेदन है कि आप हमारे इस लेख से जुड़े रहे।

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